Bhains Ki Top Dhood Dene Wali Nasal

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Bhains Ki Top Dhood Dene Wali Nasal 2024 | buffalo farming | buffalobreed | भैंस की ये Top 4 नस्ल जो अधिक दूध देने के लिए जानी जाती है। जाने विस्तार से | भैंस की प्??

भारत में कृषि के साथ-साथ पशुपालन की भी लंबी परंपरा रही है। इस प्रकार, किसान खेती के साथ-साथ पशुपालन करके अपनी आय बढ़ा रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पशुधन उत्पादन के लिए भैंसो की नई नस्लों पर जोर दिया जा रहा है। गाय और भैंसो की कई नस्लें हैं जो सबसे अधिक दूध देती हैं। ये नस्लें डेयरी उद्योग के लिए बहुत उपयोगी साबित हो रही हैं। 

गाय के दूध की दुनिया में सबसे ज्यादा मांग है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भैंस का दूध गाय के दूध से अधिक गाढ़ा होता है। इसमें विटामिन भी प्रचुर मात्रा में होता है। हालाँकि, भैंस के दूध के मुकाबले गाय के दूध के अधिक स्वास्थ्य लाभ हैं। 

लेकिन यहां हम भैंस की ऐसी उन्नत नस्लों के बारे में बात कर रहे हैं जिनसे खूब दूध पैदा किया जा सकता है। तो हम आपको बता दें कि भैंस की कई ऐसी उन्नत नस्लें हैं जिनसे अच्छा दूध प्राप्त किया जा सकता है और अच्छा रिटर्न प्राप्त किया जा सकता है।

मुर्रा भैंस की नस्ल (Murrah Breed of Buffalo)

मुर्रा नस्ले अधिक दूध देने वाली नस्ल मानी जाती है। भारत में बहुत से किसान इसे पालकर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इसके दूध देने की क्षमता अन्य सभी भैंसो की नस्लों से ज्यादा होती है।

इसके पालन के लिए किसान को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से इस नस्ल की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है। इस भैंस की खासियत यह है कि इसका दूध गाढ़ा होता है।

इसमें विटामिन की मात्रा 7 प्रतिशत पाई जाती है। इस भैंस का रंग काला होता है। हरियाणा में इसे काला सोना के नाम से भी जानी जाती है। भारत में इस भैंस का सबसे अधिक पालन हरियाणा और पंजाब में किया जाता है।

इतना ही नहीं इसके दूध की बेहतर क्वालिटी के कारण इसे इटली, बुल्गारिया, मिस्र ऐसे कई देशों में भी पाला जाने लगा है।

मुर्रा भैंस की विशेषता, कीमत और लाभ

इसका रंग स्याह काला होता है। इसके सींग जलेबी के आकार के होते हैं यानि गोल मुड़े हुए होते हैं। मुर्रा भैंस का सिर छोटा व सींग छल्ले के आकार के होते हैं। इसकी पूंछ लंबी और पिछला हिस्सा सुविकसित होता है। इसके सिर, पूंछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाये जाते हैं। मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 300 से 310 दिन की होती है।

यदि इसकी सही तरीके से देखभाल की जाए तो यह भैंस प्रतिदिन 25 से 30 लीटर तक दूध देती है। इसके दूध के भाव काफी अच्छे मिलते हैं। यदि बात की जाए इसकी कीमत की तो मुर्रा भैंस की कीमत बाजार में काफी ऊंची होती है। आमतौर पर इसकी कीमत 50,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक हो सकती है। मुर्रा भैंस की कीमत इसकी दूध देने की मात्रा पर निर्भर करती है।

भदावरी भैंस की नस्ल ( Bhadavari buffalo breed )

भदावरी भैंस भी सर्वाधिक दूध देने वाले पशुओं में से हैं। हालाँकि, यह नस्ल मुर्रा भैंस की तुलना में थोड़ा कम दूध देती है। लेकिन इसका दूध घी बनाने के लिए सर्वोत्तम माना जाता है। इस नस्ल के बैल मध्यम आकार के होते हैं। उसके शरीर पर बस कुछ ही बाल हैं. उसके पैर छोटे और मजबूत हैं। इसके सींग तलवार के समान हैं। गर्दन के आधार पर दो धब्बे पाए जाते हैं जिन्हें कंठ माला कहते हैं।

 भदावरी भैंस का लाभ और कीमत

ये भैंस गर्म और आर्द्र जलवायु में भी अच्छी तरह जीवित रहती हैं। इतना ही नहीं, ये भैंस जो भी मिल जाए उसे खाकर जीवित रह सकती हैं। इस प्रजाति में चयापचय क्षमता अन्य प्रजातियों की तुलना में अधिक है। इस नस्ल की भैंस प्रतिदिन औसतन 7 से 9 किलोग्राम दूध देती हैं। उचित प्रबंधन एवं पौष्टिक आहार से प्रतिदिन 10 से 12 किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा सकता है। भदावरी भैंस की कीमत 70 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक होती है।

जाफराबादी भैंस की नस्ल ( Jafarabadi buffalo breed )

जाफराबादी भैंस भी अधिक उत्पादन करने वाले डेयरी पशुओं में से हैं। इसका मूल स्थान गुजरात का जाफराबाद है। इस वजह से उनका नाम जाफराबादी भैंसा पड़ गया. यह गाय प्रतिदिन 25 से 30 लीटर दूध दे सकती है। यह भैंस बहुत भारी है. ये भैंस डेयरी फार्मिंग करने वाले लोगों के लिए बहुत अच्छी मानी जाती हैं।

 जाफराबादी भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

जाफराबादी नस्ल की भैंस का मुंह थोडासा छोटा होता है। इसके सींग घुमावदार होते हैं। इसका रंग काला होता है और इसकी त्वचा ढीली होती है। इस नस्ल की भैंस के माथे पर सफेद निशान होता है। यही इसकी सबसे बड़ी पहचान है। यह भैंस वजन में अन्य प्रजाति की भैसों से ज्यादा भारी होती है। जाफराबादी भैंस का वजन 800 किलोग्राम से लेकर 1 टन तक होता है। इसका रंग काला होता है।

यह भैंस अन्य नस्लों की भैंस से ज्यादा दिन तक दूध देती है। यह भैंस हर साल बच्चा देती है जो डेयरी उद्योग के लिए फायदेमंद होता है। इसका दूध बेचकर या इस नस्ल की भैंस को बेचकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इस भैंस की कीमत 60 हजार रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक होती है।

सूरती भैंस की नस्ल ( surti buffalo breed )

सुरती भैंस भी अधिक दूध देने वाली नस्लों में से एक हैं। यह भैंस गुजरात के आसपास के इलाकों में पाया जाता है। यह स्थान माही और साबरमती नदियों के बीच स्थित है। इस नस्ल के सबसे अच्छे जानवर गुजरात के आनंद, बड़ौदा और कैरा जिलों में पाए जाते हैं। इस भैंस  को सुरती के अलावा चरोटारी, डेक्कनी, गुजराती आदि नामों से भी जाना जाता है। इस समर्थन की मुख्य विशेषता इस नस्ल का हल्का वजन है। उसका सिर लम्बा है. इस कारण यह अन्य भैंस की नस्लों की तुलना में कम चारे का उपयोग करता है। इससे पीठ को अच्छा दूध भी मिल सकता है.

सूरती भैंस की विशेषता, लाभ और कीमत

इस नस्ल की भैंस की रंग रस्टी ब्राउन से सिल्वर ग्रे या ब्लैक तक होता है। इसके दूध में वसा की उच्च मात्रा पाई जाती है। यह नस्ल सीमित सुविधाओं और संसाधन में भी दूध का अच्छा उत्पादन देती है। इसकी फीड आवश्यकता भी अन्य नस्लों से कम होती है, ऐसे में इसके खान पान पर लागत कम आती है।

यह नस्ल कम भूमि वाले छोटे व सीमांत किसानों के लिए लाभकारी है। सूरती भैंस का वजन 300 से 400 किलोग्राम तक होता है। इसके दूध में 9 से लेकर 12 प्रतिशत तक वसा पाई जाती है। इस नस्ल की भैंस एक दिन में 9 से लेकर 13 लीटर तक दूध देती है। सूरती भैंस की बाजार में कीमत 50 हजार रुपए या इससे ज्यादा होती है।

 

आज के इस आर्टिकल में हम ने आप भैंस की ज्यादा दूध देनेवाली नस्ल (Bhains Ki Jyada Dudh Dene Wali Nasl) इन के बारे में अच्छी जानकारी बताई है। यह आर्टिकल आप को सेम की खेती के लिए बहुत हेल्फ फूल होगा और यह आर्टिकल आप को पसंद भी आया होगा ऐसी हम उम्मीद रखते है। और इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा किसान भाई और अपने मित्रो को शेयर करे।

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