Premanand Ji Maharaj: Ekantik Vartalaap Ka Token Kaise Milega

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Premanand Ji Maharaj: Ekantik Vartalaap Ka Token Kaise Milega: | How to participate in a Ekantik Vartalaap with Premanand Ji Maharaj ?

Ekantik Vartalaap Ka Token Kaise Milega: आपको बता दे प्रेमानंद जी महाराज से मिलने के लिए आपको कुछ नियमों से गुजरना पड़ता है बहुत लोग जानना चाहते हैं राधा केली कुंज में उनसे कैसे मिले? उनका आश्रम कहा पे है? उनके दर्शन कैसे होंगे? प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न कैसे पूछें?एकांतिक वार्तालाप में भाग कैसे ले?

प्रेमानंद जी महाराज आज राधा नाम का उपदेश देश विदेश तक फेला रहे हैं, सबसे पहले आपको जानना जरूरी है कि महाराज जी ऐसा क्यों कर रही हैं उनके जीवन में ऐसा क्या हुआ जो वो राधा नाम के पीछे लग गए, वृन्दावन आने से पहले महाराज जी शिव जी के उपासक थे|

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand ji maharaj) का जन्म सात्विक और विवेक परिवार में हुआ था उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था। प्रेमानंद जी महाराज की माता का नाम श्रीमती रमा देवी और पिता का नाम श्री शंभू पांडे था। इन्हें पीले बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

उनके दादा एक सन्यासी थे और अपने बड़ों के आशीर्वाद से उनके घर का वातावरण बहुत शुद्ध, शांत और धार्मिक था। चूंकि उनका पूरा परिवार साधु-संत था, इसलिए उनके घर साधु-महात्माओं का आना-जाना लगा रहता था। सदैव उनके प्रवचन और सत्संग सुनने से वृन्दावन के प्रेमानन्द जी महाराज के जीवन से अध्यात्म उनके मन और हृदय में बस गया था।

Premanand ji Maharajकी दयालुता और ज्ञान से उन्हें भगवान शिव का पूरा आशीर्वाद मिला। एक दिन वे बनारस में एक पेड़ के नीचे ध्यान कर रहे थे। फिर, श्री श्यामा श्याम की कृपा से, उन्होंने वृन्दावन की महिमा का आनंद लिया। बाद में उन्होंने रास लीला में भाग लिया। उन्होंने लगभग एक महीने तक रास लीला में भाग लिया।

उनकी दिनचर्या में सुबह श्री चैतन्य महा प्रभु लीला और रात में श्री श्यामा श्याम रास लीला देखना शामिल था। एक महीने के भीतर, वह लीला में लीन हो गए और इसका इतना आनंद लिया कि वह उनके बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। ये वही है जिसकी जिंदगी चांद ने पूरी तरह से बदल दी है.

प्रेमानंद जी महाराज का आश्रम कहा पे है?

उनके आश्रम आने के लिए आपको वृन्दावन मथुरा आना पड़ेगा वृन्दावन अने के लिए आपके पास कई मार्ग है महाराज जी का आश्रम परिक्रमा मार्ग रमन रेती, बरघाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश 281121 में है.

यहां आने के लिए आप ट्रेन या गाड़ी से आ सकते हैं यहां हर तरह की ट्रांसपोर्ट सुविधा उपलब्ध है, यहां आने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं जैसे कि कैसे पूछें और कहां रुके होटल की सुविधा टैक्सी की सुविधा पिक एंड ड्रॉप की सुविधा उपलब्ध है|

कुछ लोग यहाँ जैसे होटल वाले ऑटो वाले सही जानकारी नहीं देंगे वो अपने लालच में आपको गलत जानकारी दे सकते हैं, आपको ये तक कहेंगे है कि हम आपके दर्शन करा देंगे उनसे मिलवा देंगे पर ऐसा नहीं है उनसे मिलने के लिए आपको आश्रम द्वार बनाए गए नियमो का पालन करना पड़ेगा|

प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन कैसे होंगे?

प्रेमानंद जी महाराज से मिलने के कई रास्ते हैं, जैसे अगर आप सिर्फ उनके दर्शन करना चाहते हैं तो आप रात 2:30 बजे परिक्रमा मार्ग वृन्दावन जा सकते हैं, प्रेमानंद जी महाराज सुबह 2 बजे के बाद भक्तो को दर्शन देने के लिए अपनी कुटिया से निकलते हैं|

और अगर आप उनके सत्संग या कीर्तन या आध्यात्मिक वार्तालाप में भाग लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको राधा केली कुंज आश्रम आने से एक दिन पहले उनसे मिलने का टोकन लेना होगा।

FaQ?

Q. एकांतिक वार्तालाप में कैसे भाग लें ?

Ans. इसमें भाग लेने के लिए आपको एक दिन पहले 8:30 Am राधा केली कुंज से टोकन लेना पड़ेगा

Q. राधा केली कुंज में टोकन कितने प्रकार के मिलते के है?

Ans. यहां 3 प्रकार के टोकन मिलते हैं जैसे सत्संग, कीर्तन और एकांतिक वार्तालाप |

Q. एकांतिक वार्तालाप का क्या समय है?

Ans. एकांतिक वार्तालाप का टोकन जिसने लिया है उसको 5:30am तक राधा केली कुंज पहुंचना होता है|

Q. प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न कैसे पूछें?

Ans. प्रेमानंद जी महाराज से प्रश्न पूछने के लिए आपको एकान्तिक वार्तालाप का टोकन लेना होगा|

Q. क्या एकान्तिक वार्तालाप के टोकन के लिए कोई पैसा देना होता है?

Ans. नहीं इसके लिए आपको कोई पैसा नहीं देना ये बिलुक मुफत है|

Q. क्या बिना टोकन के एकान्तिक वार्तालाप मैं जा सकता हूँ?

Ans. बिना टोकन के आप नहीं जा सकते|

Q. क्या मुझे एकान्तिक वार्तालाप का टोकन मिल सकता है?

Ans. अगर आपका प्रश्न भगवत या आध्यात्मिक होगा तो आपको टोकन मिलने की संभावना है|

Q. एकान्तिक वार्तालाप का टोकन कैसे मिलता है?

Ans. एकांतिक वार्ता का टोकन लेने के लिए आपको सुबह 8:30am लाइन में लगना होगा|

Q. क्या मैं अकेला अपने परिवार का टोकन ले सकता हूं?

Ans. नहीं आप सिर्फ अपना टोकन ले सकते हैं|

Q. टोकन के लिए किस आईडी की जरूरत होती है?

Ans. टोकन के लिए सरकार द्वारा जारी की गई किसी आईडी को साथ लाना होगा आधार कार्ड या डीएल कोई एक|

Q. क्या टोकन बिना किसी आईडी के मिल सकता है?

Ans. नहीं|

Q. टोकन मिलने के बाद भी आईडी साथ लानी होगी?

Ans. बिना आईडी के आपको किसी भी टोकन का लाभ या प्रवेश नहीं मिलेगा|

Q. क्या हम फोन पर टोकन बुक कर सकते हैं?

Ans. नहीं इसके लिए आपको राधा केली कुंज वृन्दावन में आना पड़ेगा|

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