अगर आप भी गुलदाउदी उगाने की योजना बना रहे हैं तो इस लेख में आपको Guldavari ki kheti कैसे करें (Chrysanthemum खेती इन हिंदी) और गुलदाउदी की देखभाल कैसे करें की जानकारी दी जा रही है.
भारत में, Guldavari ki kheti उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और अन्य देशों में व्यावसायिक रूप से उगाई जाती है, और गुलदाउदी का उत्पादन दुनिया भर में चीन, जापान, इज़राइल, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, नीदरलैंड में किया जाता है। ऑस्ट्रेलिया, भारत और अन्य देशों में उत्पादित।
Guldavari ki kheti में जलवायु (Chrysanthemums Cultivation and Climate)
Guldavari ki kheti के पौधे शरदकालीन होते हैं। इसके पौधे ग्रीष्म व वर्षा ऋतु में अच्छी तरह से विकसित नहीं हो पाते हैं। इसके पौधे 8 से 16 डिग्री तापमान में सबसे अच्छा विकास करते हैं, अधिक या कम तापमान पौधे की वृद्धि के लिए अच्छा नहीं होता है।
Guldavari ki kheti के लिए भूमि (Chrysanthemums Cultivation Land)
Guldavari ki kheti को किसी भी मिट्टी पर उगाया जा सकता है, लेकिन अधिक पैदावार के लिए भरपूर पोषक तत्वों और अच्छी जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी की आवश्यकता होती है। गुलदाउदी का पौधा धूप वाले मौसम में भी पनपता है, और इसलिए गुलदाउदी को किसी भी मिट्टी में उगाया जा सकता है।
उनके खेत की मिट्टी में पी.एच. द्वारा प्रचुर मात्रा में खेती की जाती है। 5.5 से 6.5 है. यह मूल्यवान होना चाहिए. यदि भूमि का पी.एच. मान 5.5 से कम है, तो मिट्टी में चूना मिलाने से पी.एच. में सुधार हो सकता है। जिप्सम मिलाने से मान बढ़ाया जा सकता है और पीएच मान कम किया जा सकता है।
Guldavari ki kheti की उन्नत किस्में (Chrysanthemums Improved Varieties)
उन्नत क़िस्म | उत्पादन समय | पौधे का आकार | फूलो का रंग | उत्पादन |
बीरबल साहन | 121 दिन | 65 CM लंबा | सफ़ेद | प्रति एकड़ 13 क्विंटल का उत्पादन |
बग्गी | 137 दिन | 64 CM लंबा | सफ़ेद | प्रति एकड़60क्विंटलकाउत्पादन |
रतलाम सिलेक्शन | 138 दिन | 51 CM | सफ़ेद व हल्के पीला | प्रति एकड़ 72 क्विंटल उत्पादन |
पंजाब गोल्ड | 76 दिन | 23 CM लंबा | लाल रंग की कालिया व पीले रंग के फूल | गमले में बोने के लिए उपयुक्त |
अनमोल | 114 दिन | 50 CM लंबा | पीला | प्रति एकड़ 13 क्विंटल उत्पादन |
रॉयल पर्पल | 141 दिन | 45 CM | लम्बा जमुनी-गुलाबी रंग | एक पौधे से 200 तक फूलो का उत्पादन व पौधे को गमले में भी लगा सकते है| |
येलो डिलाइट | 88 दिन | 66 CM | आकर्षक पीला रंग | एक पौधे से 105 तक फूल मिल जाते है| |
गार्डन ब्यूटी | 132 दिन | 70 CM | एक सामान रंग के फूल | प्रति पौधा 73 फूल |
विंटर क्वीन | 128 दिन | 75 CM | एक सामान रंग के फूल | प्रति पौधा 125 फूल |
एटम जॉय | 101 दिन | 58 CM | गुलाबी रंग | प्रति पौधा 283 फूल |
केल्विन मैंडरिन | 45 दिन | 48 CM | कॉपर रंग के फूल | प्रति पौधा 102 फूलो का उत्पादन |
केल्विन टैटू | 31 दिन | 41 CM लंबा | लाल रंग | प्रति पौधा 101 फूल |
रीगन वाइट | 103 दिन | 45 CM लंबा | सफ़ेद रंग | प्रति पौधा 54 फूल |
रीगन एम्परर | 30 दिन | 78 CM | गुलाबी रंग | प्रति पौधा 25 फूल |
येलो चार्म | 36 दिन | 15 CM | पीला रंग | प्रति पौधा 485 फूल |
अजय | 116 दिन | 55 CM | चमकदार पीला रंग | प्रति पौधा 79 फूल |
मदर टेरेसा | 102 दिन | 38 CM | सफ़ेद रंग | प्रति पौधा 150 फूल |
Guldavari ki kheti की तैयारी (Chrysanthemum Field Preparation)
Guldavari ki kheti करने से पहले खेत की मिट्टी को भुरभुरा कर ले | इसके लिए ग्रीष्म ऋतु के मौसम में मिट्टी पलटने वाले हलो से खेत की तीन से चार गहरी जुताई कर मिट्टी को भुरभुरा कर देते है | इसके बाद भुरभुरी मिट्टी को समतल करने के लिए पाटा लगाकर खेत में चला दे |
इसके बाद सिंचाई व्यवस्था के अनुसार उपयुक्त आकार की क्यारी तैयार करते हैं. अंतिम जुताई के समय प्रति हेक्टेयर गुलदाउदी के खेत में 25 से 30 टन सड़ी हुई गोबर की खाद डालें और जुताई के बाद खाद को अच्छी तरह से मिट्टी में मिला दें।
इसके बाद 500 किलोग्राम सुपर फॉस्फेट, 100 किलोग्राम यूरिया और 100 किलोग्राम पोटाश मिलाकर बुआई से पहले प्रति हेक्टेयर खेत में लगाने के लिए अच्छी तरह तैयार कर लें। रोपाई के आठ सप्ताह बाद इस उर्वरक का छिड़काव खड़ी फसल पर करें। यदि दीमक का प्रकोप दिखे तो खेत में 4 प्रतिशत चूर्ण, 25 किलोग्राम एण्डोसल्फॉन या 1.5 प्रतिशत क्यूनोल्फोस प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।
Guldavari ki kheti पौध रोपण (Chrysanthemum Planting)
गुलदाउदी के गांठो लगाने के लिए फरवरी से मार्च का महीना सबसे अच्छा होता है, इसलिए टहनियों लगाने के लिए जून-जुलाई का महीना उपयुक्त माना जाता है। इन पौधों को पंक्तियों में लगाया जाता है, पौधों के बीच 30X30 सेमी का अंतर होता है।
इसके अलावा, बीज को निषेचन विधि का उपयोग करके बोया जाता है, और बीज को पॉलिथीन में या 1 से 2 सेमी गहरे ढककर बोया जाता है। इस बीज को खेत में बोने से पहले कैप्टान 0.2% या सेरेसन 0.2% से उपचारित करें.
Guldavari ki kheti की देखभाल (Chrysanthemum Care)
गुलदाउदी के पौधों को पनपने के लिए उचित देखभाल बहुत जरूरी है। इसके लिए समय-समय पर सिंचाई, निराई, गुड़ाई, पिचिंग, शुष्कन तथा पौधों को सहारा देना आवश्यक है।
गुलदाउदी की पिचिंग
पौधे की पिचिंग के दौरान यदि पौधा लगभग 8 से 10 सेमी लंबा है तो पौधे का ऊपरी भाग 3 से 5 सेमी तक टूट जाता है।
निष्प्ररोहन
जब पौधे में शाखाएं लगने लगती हैं तब इस विधि का प्रयोग किया जाता है. इस प्रक्रिया में, यदि आप पौधे से केवल एक फूल प्राप्त करना चाहते हैं, तो मुख्य शाखा को बचा लें, अन्य सभी शाखाओको हटा दें। एक पौधे से अधिक फूल प्राप्त करने के लिए, मध्य प्ररोह के साथ-साथ पार्श्व प्ररोहों को भी बढ़ने दें।
खरपतवार नियंत्रण (Weed Control)
खरपतवारों पर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि पौधों की वृद्धि में कोई समस्या न हो। इसके लिए पौधों की नीलाई-गुड़ाई की जाती है | गुलदाउदी के पौधों की पहली नीलाई-गुड़ाई 4 सप्ताह के बाद की जाती है, और बाद की नीलाई-गुड़ाई आवश्यकतानुसार की जानी चाहिए।
Guldavari ki kheti के पौधों में लगने वाले व उपचार (Chrysanthemum Plants and Treatment)
रोग | रोग का प्रकार | उपचार |
पत्ती काला धब्बा | धब्बा रोग | प्रति एकड़ के खेत में जिनेब या डाइथेन M-45 की 400 GM की मात्रा का छिड़काव करे| |
गलन | जल भराव | प्रति एकड़ के खेत में 15 दिन के अंतराल में डाइथेन M-45 की 400 GM की मात्रा का छिड़काव करे| |
चूर्णिल असिता | फफूंद | केराथेन 40 ई.सी.की 0.5 प्रतिशत कीमात्रा का छिड़कावकरे| |
एफिड | कीट | मेटासिस्टोक्स 25 ई.सी. या रोगोर 30 ई.सी. की 2 ML की मात्रा को प्रति लीटर पानी के हिसाब से मिलाकर उसका छिड़काव फसल पर करे| |
प्लांट हॉपर | कीट | रोगोर 30 ई.सी. 2 ML की मात्रा प्रति लीटर या प्रोफेनोफोस 25 ई.सी. 2 ML की मात्रा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर उसका छिड़काव खेत में करे| |
Guldavari ki kheti की पैदावार (Chrysanthemum Production)
गुलदाउदी के पौधों को परिपक्व होने में 5 से 6 महीने का समय लगता है। जब पौधे पर फूल पूरी तरह से खिल जाते हैं, उस समय फूलों की तुड़ाई की जाती है। फूलों की कटाई सुबह या शाम के समय करें और एक बार तोड़ने के बाद उन्हें ताजे पानी में भिगो दें और फिर किसी छायादार या ठंडी जगह पर रख दें,
इससे फूल लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं। फूलों की तुड़ाई के बाद उन्हें टोकरियों में रखा जाता है और बिक्री के लिए बाजार में भेजा जाता है। प्रति हेक्टेयर खेत की औसत उपज 15 से 50 क्विंटल होती है, इस प्रकार गुलदाउदी की फसल से भाई किसान अच्छी आय अर्जित करते हैं।
Guldavari ki kheti FaQ
Q. Guldavari ki kheti के पौधे कब लगाना चाहिए?
Ans. सितम्बर माह
Q. गुलदाउदी में फूल कब आते हैं?
Ans. सितम्बर से फरवरी तक
Q. गुलदाउदी में स्टेकिंग क्या होती है?
Ans. पौधों में बाँस या अन्य किसी लकड़ी या छड़ के सहारे सीधा खड़ा कर बाँधने को स्टेकिंग कहते हैं।
Q. Guldavari ki kheti को हिंदी में क्या कहते हैं?
Ans. एक प्रकार का छोटा पौधा जिसकी लंबी कटावदार पत्तियों में भी उसके फूल की भाँति हलकी भीनी खुशबू होती है ।
Q. गुलदाउदी सबसे अच्छे कहाँ उगते हैं?
Ans. उपजाऊ, दोमट या रेतीली मिट्टी में
Q. क्या गुलदाउदी गर्मी में बढ़ते हैं?
Ans. कुछ छोटी सी तरकीबें अपनाकर आप गर्मियों में भी अपने गुलदाउदी के पौधों पर खिले फूलों का आनंद ले सकते हैं।
Q. गुलदाउदी के बीज कब लगाना चाहिए?
Ans. सितंबर-अक्टूबर के दौरान
Guldavari ki kheti | गुलदाउदी की खेती कैसे करे | Chrysanthemum Farming in Hindi | गुलदाउदी की देखभाल किसान भाइयो अगर आप JagoKisan.com द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट है तो plz like करे और शेयर करे ताकि किसी दूसरे किसान भाई की भी मदद हो सके|