Harit Kranti kya hai

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Harit Kranti kya hai | Harit Kranti in Hindi | Harit Kranti | हरित क्रांति क्या है

हरित क्रांति(Harit Kranti)क्या है| Harit Kranti kya hai| हरित क्रांति (Harit Kranti)क्या है इसे क्यों लागू किया गया| हरित क्रांति क्या है इसके लाभ और हानि| हरित क्रांति के प्रभाव|

हरित क्रांति (Harit Kranti)एक पर्यावरणीय और कृषि विपणनीय प्रणाली है जो किसानों को जल, भूमि, ऊर्जा और वायु प्रबंधन के लिए सुगम और समृद्ध विकास की ओर प्रोत्साहित करती है। इसका उद्देश्य है कि कृषि क्षेत्र में जल, ऊर्जा और संसाधनों का सुगम उपयोग करके उच्च उत्पादकता, गुणवत्ता और वातावरणीय स्थिरता प्राप्त की जाए।

हरित क्रांति (Harit Kranti)की मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं: विज्ञानिक तकनीकों के उपयोग से कृषि उत्पादन का वृद्धि करना, संरचित जल प्रबंधन के माध्यम से जल संसाधनों का उपयोग करना, समर्थित भूमि प्रबंधन के द्वारा मिट्टी की उपजाऊता को बनाए रखना, बागवानी और उद्यानिकी में वृद्धि करना, बिजली और ऊर्जा की कार्यात्मक उपयोगिता को बढ़ाना |

कीटनाशकों और रोगनाशकों के उपयोग को गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित बनाना, और किसानों को वित्तीय समर्थन और विपणन सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करना। हरित क्रांति के माध्यम से, कृषि क्षेत्र में एक संतुलित विकास और सामरिकता की रणनीति के साथ पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एकनॉमी को बढ़ावा दिया जाता है।हरित क्रांति(Harit Kranti) क्या है इसे क्यों लागू किया गया

 

हरित क्रांति (Harit Kranti)एक कृषि क्रांति है जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की आय और जीविकोपार्जन में सुधार करना है। इसे कृषि क्षेत्र में लागू किया जाता है ताकि किसानों को वृद्धि और विकास के अवसर मिल सकें।

हरित क्रांति(Harit Kranti) का लक्ष्य है कि किसानों को उनके क्षेत्र में तकनीकी उन्नति, सशक्तिकरण, समर्थन एवं विपणन सुविधाएं प्रदान करके उनकी आय को बढ़ाना और उनकी जीविकोपार्जन क्षमता को मजबूत बनाना है।

हरित क्रांति(Harit Kranti) क्या है इसके लाभ और हानि

हरित क्रांति(Harit Kranti) के तहत किसानों को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:

    1. वैज्ञानिक तकनीकों का उपयोग: हरित क्रांति(Harit Kranti) के माध्यम से किसानों को नवीनतम खेती तकनीकों और उनके उपयोग की जानकारी प्राप्त होती है। इससे उनकी उत्पादकता बढ़ती है और उन्हें बेहतर मूल्य मिलता है।
    2. संरचित जल प्रबंधन: हरित क्रांति (Harit Kranti)के अंतर्गत, किसानों को समर्पित जल संसाधनों के सही उपयोग के लिए जागरूक किया जाता है। इससे जल संसाधनों की बचत होती है और उत्पादकता में सुधार होता है।
    3. सशक्तिकरण के साधन: हरित क्रांति (Harit Kranti)के माध्यम से किसानों को विभिन्न शिक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों के द्वारा सशक्त बनाया जाता है। इससे उन्हें खेती के प्रति नई ज्ञान प्राप्त होती है और वे अपनी कृषि कार्यों को सुधार सकते हैं।
    4. बाजार एवं विपणन सुविधाएं: हरित क्रांति के अंतर्गत, किसानों को बाजार और विपणन के लिए समर्थन प्रदान किया जाता है। इससे उन्हें अच्छी मूल्य मिलती है और उत्पादों की बिक्री में वृद्धि होती है।

हरित क्रांति की मुख्य उपलब्धियों में किसानों को उचित मूल्य मिलना, उत्पादकता में वृद्धि, बेहतर कृषि तकनीकों का उपयोग और संरक्षणवादी खेती के प्रचार-प्रसार का समर्थन शामिल है। इससे किसानों की आय बढ़ती है, उनकी संभावित लाभांश कम होती है और वे समृद्धि की ओर अग्रसर होते हैं।

हरित क्रांति (Harit Kranti)के साथ-साथ कुछ हानियां भी संबंधित हो सकती हैं। कुछ मुख्य हानियों में शामिल हैं:

    1. उच्च लागत: हरित क्रांति(Harit Kranti) में नई तकनीकों, बीजों, उर्वरकों, उपकरणों आदि का उपयोग होता है जो काफी महंगे हो सकते हैं। इसके कारण किसानों को इन क्रांतिकारी उपायों के लिए आर्थिक संकट भी उठाना पड़ सकता है।
    2. प्रदूषण और पर्यावरण समस्याएं: कुछ बार हरित क्रांति(Harit Kranti) के लिए उपयोग की जाने वाली उर्वरक, कीटनाशक आदि वातावरण पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं। इसके फलस्वरूप पृथ्वी की मिट्टी, जल, हवा, जीव-जंतुओं को हानि पहुंच सकती है।
    3. ज्ञान और प्रशिक्षण की कमी: हरित क्रांति (Harit Kranti)में नई तकनीकों और विधानों का संचार और प्रशिक्षण अपारंपरिक कृषि के किसानों तक नहीं पहुंचा सकता है। इसके कारण किसानों को उचित ज्ञान और प्रशिक्षण से वंचित रहने का सामना करना पड़ सकता है, जिससे कृषि उत्पादकता पर असामान्य प्रभाव पड़ सकता है।
    4. समाजिक आर्थिक बदलाव: हरित क्रांति(Harit Kranti) के फलस्वरूप किसानों की जीवनशैली में सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन हो सकता है। यह उनके पारंपरिक व्यवस्था, परिवारिक संरचना, रोजगार प्रणाली आदि को प्रभावित कर सकता है। कई बार यह परिवारिक और सामाजिक संतुलन पर असामान्य दबाव डाल सकता है।

हालांकि, इन हानियों के बावजूद, हरित क्रांति की मुख्य उद्देश्य यही है कि वह किसानों को लाभ पहुंचाए और समृद्धि की दिशा में अग्रसर करे। इसके लिए कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलता है, उत्पादकता में सुधार होता है और किसानों की आय बढ़ती है।

हरित क्रांति(Harit Kranti) के प्रभाव

हरित क्रांति(Harit Kranti) के प्रभाव निम्नलिखित हैं:

    1. उत्पादकता में वृद्धि: हरित क्रांति(Harit Kranti) के लागू होने से कृषि उत्पादकता में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है। नई तकनीकों, बीजों, उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करके फसलों की उपज बढ़ती है और पूरे साल में अधिक मात्रा में उत्पादन होता है।\
    2. खाद्य सुरक्षा: हरित क्रांति(Harit Kranti) के माध्यम से खाद्य सुरक्षा में सुधार होता है। अधिक उत्पादन के कारण अधिक खाद्य सामग्री उपलब्ध होती है और अन्नदाताओं की संख्या में वृद्धि होती है।
    3. आर्थिक संवृद्धि: हरित क्रांति(Harit Kranti) से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। उत्पादकता में वृद्धि के कारण किसानों की आय बढ़ती है और उन्हें बेहतर जीवन और विकास की संभावनाएं मिलती हैं।
    4. विकास की गति में वृद्धि: हरित क्रांति (Harit Kranti)के प्रभाव से ग्रामीण क्षेत्रों का विकास तेजी से होता है। नई तकनीकों और उपायों के लागू होने से इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और अन्य सेवाएं सुधारती हैं
    5. पर्यावरण संरक्षण: हरित क्रांति (Harit Kranti)में उच्च उत्पादकता के साथ साथ समुचित खेती तकनीकों का उपयोग होता है, जिससे पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सुधार होता है। जल, मिट्टी और वनस्पति संरक्षित रहती है और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम किया जा सकता है
    6. सामाजिक उद्धार: हरित क्रांति के माध्यम से सामाजिक उद्धार होता है। अधिक उत्पादन के कारण समाज में गरीबी और अपग्रेडेशन की समस्या कम होती है और सामाजिक आर्थिक असामानता में सुधार होता है।

हरित क्रांति (Harit Kranti)का लाभ यह है कि यह कृषि उत्पादन को मजबूत बनाता है, खाद्य सुरक्षा प्रदान करता है, आर्थिक और सामाजिक विकास को संभव बनाता है और पर्यावरण को संरक्षित रखता है।

हरित क्रांति क्या है?

हरित क्रांति एक कृषि और आर्थिक विकास की धारणा है जो कृषि उत्पादन को बढ़ाने, खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने, किसानों की आय को बढ़ाने, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए सुस्थित और समृद्ध ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करने का लक्ष्य रखती है।

हरित क्रांति किसने लागू की थी?

हरित क्रांति का आदान-प्रदान 1960 के दशक में भारतीय कृषि वैज्ञानिक डॉ. मंजोरा रामचंद्रन ने किया था। उन्होंने नई तकनीकों का प्रयोग करके गेहूं के उत्पादन में वृद्धि की थी और इसे “हरित क्रांति” के नाम से पुनर्जीवित किया।

हरित क्रांति के लाभ क्या हैं?

हरित क्रांति के द्वारा कृषि उत्पादन में वृद्धि होती है, खाद्य सुरक्षा प्राप्त होती है, किसानों की आय में वृद्धि होती है, और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास होता है। इसके साथ ही, इससे भूमि संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उद्धार के लाभ भी होते हैं।

हरित क्रांति कृषि तकनीकों में कौन-कौन से सुधार हुए हैं?

हरित क्रांति के दौरान कई कृषि तकनीकों में सुधार हुए हैं। इनमें मुख्यतः हाइब्रिड बीज, पशु-पक्षियों के लिए विशेष आहार, जल की सुविधा, कीटनाशकों का उपयोग, नए खेती प्रणालियां, उर्वरकों का उपयोग, और स्वच्छ उद्भिदों के लिए नए पदार्थों का उपयोग शामिल है।

हरित क्रांति के प्रमुख संकेतक कौन-कौन से हैं?

1. उच्च उत्पादन: कृषि उत्पादन में वृद्धि होना
2. खाद्य सुरक्षा: अधिक मात्रा में खाद्य उत्पादन करना
3. किसानों की आय में वृद्धि: किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारना
4. ग्रामीण विकास: ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास करना
5. भूमि संरक्षण: मिट्टी की सुरक्षा और उपज की देखभाल करना
6. पर्यावरण संरक्षण: प्राकृतिक संसाधनों की

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