Which is better Organic Farming or Chemical Farming?

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Which is better Organic Farming or Chemical Farming? | Organic Farming | Chemical Farming | जैविक खेती या रासायनिक खेती कौन सी बेहतर है

कौन सी बेहतर है: जैविक खेती या रासायनिक खेती? Which is better organic farming or chemical farming?खेती का परिचय|जैविक खेती organic farming|रासायनिक खेती chemical farming के लाभ| रासायनिक खेती chemical farming के नुकसान|जैविक खेती या रासायनिक खेती: पैसा किसमें ज़्यादा है?जैविक खेती या रासायनिक खेती: पैसा किसमें ज़्यादा है?

खेती, हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जो अन्न उत्पादन करने में मदद करती है। हालांकि, विकास के साथ-साथ खेती भी परिवर्तित हुई है और दो विभिन्न दिशाओं में विभाजित हो गई है – जैविक खेती और रासायनिक खेती। इन दोनों खेती प्रथाओं में क्या अंतर है और कौन सी बेहतर है, इस विषय पर हम विचार करेंगे।

 

खेती (farming)का परिचय

खेती मानव सभ्यता का मूल आधार है जो हमें खाद्य संसाधन प्रदान करती है। खेती दो तरीकों में की जा सकती है – जैविक खेती और रासायनिक खेती।रासायनिक खेती chemical farming|जैविक खेती organic farming के लाभ|

जैविक खेती organic farming

जैविक खेती में खेती(farming) कार्यों में केमिकल और संश्लेषण का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें प्राकृतिक उपचारों, खाद्य वस्त्रों, जैविक उर्वरकों और प्रजनन नियंत्रण तकनीकों का प्रयोग होता है। यह प्रकृति के साथ संगत है और मिट्टी को स्वस्थ रखने का कारगर तरीका है। जैविक खेती भी उच्च गुणवत्ता और पोषणशील खाद्य उत्पादों की उत्पत्ति के लिए जानी जाती है।

रासायनिक खेती chemical farming

विपरीत रूप से, रासायनिक खेती(farming) में केमिकल खाद्यों, कीटनाशकों, हर्बिसाइडों और उर्वरकों का उपयोग किया जाता है। इसका उद्देश्य मिट्टी की उपजाऊता बढ़ाना और कीटों, फसलों के रोगों और फसलों के लिए विपरीत प्रभावों से लड़ना होता है। रासायनिक खेती में विज्ञान और तकनीकी प्रगति के फलस्वरूप, उच्च उत्पादन की दर हासिल की जा सकती है।

जैविक खेती organic farming के लाभ

जैविक खेती के कई लाभ हैं जो इसे एक प्राथमिक विकल्प बना देते हैं। यहाँ कुछ मुख्य लाभ हैं:

    1. प्राकृतिक उपचार: जैविक खेती में कीटनाशकों के बजाय प्राकृतिक उपचारों का प्रयोग किया जाता है, जो मिट्टी की उपजाऊता और पेय वातावरण को स्वस्थ रखते हैं।
    2. उच्च गुणवत्ता खाद्य: जैविक खेती से उत्पन्न खाद्य पदार्थों में अधिक पोषण होता है और उनमें केमिकल छोड़ दिया जाता है, जो उन्हें स्वास्थ्यप्रद बनाता है।
    3. प्राकृतिक संतुलन: जैविक खेती मिट्टी को स्वस्थ रखने के लिए प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखती है। इससे मिट्टी की उपजाऊता बढ़ती है और जल संचयन सुविधाएं बनी रहती हैं।
    4. बायो-विविधता का संरक्षण: जैविक खेती में उपयोग होने वाले प्राकृतिक उपचार और जैविक उर्वरक बायो-विविधता का संरक्षण करते हैं, जो प्रकृति की संतुलनित विकास को सुनिश्चित करते हैं।

जैविक खेती organic farming के नुकसान

जैविक खेती कई लाभों के साथ-साथ कुछ नुकसानों को भी प्रस्तुत कर सकती है। यहां जैविक खेती के कुछ मुख्य नुकसान दिए गए हैं:

    1. कम उत्पादनता: जैविक खेती में उत्पादनता कम हो सकती है क्योंकि इसमें केमिकलों का उपयोग सीमित होता है। कीटनाशकों की कमी के कारण कीटों और रोगों का संघटना हो सकता है, जिससे पौधों को नुकसान हो सकता है।
    2. संगठित बाजार की कमी: जैविक खेती के लिए समय, प्रयास और विशेषज्ञता की अधिक आवश्यकता होती है। इसके कारण इसे संगठित बाजार में बेचने में कठिनाई हो सकती है और उत्पादों की कीमतों पर अस्थिरता हो सकती है।
    3. जीवाणु संक्रमण का धमका: जैविक खेती में कार्य करने के दौरान जीवाणु संक्रमण का खतरा होता है। कारण है कि इसमें केमिकलों का उपयोग कम होता है और पौधों की सुरक्षा और संक्रमण नियंत्रण कमजोर हो सकता है।
    4. उच्च लागत: जैविक खेती में उच्च खर्च हो सकता है। जैविक खाद्यों, जैविक कीटनाशकों और प्राकृतिक उपचारों की कीमतें रासायनिक खाद्यों और कीटनाशकों की तुलना में अधिक होती हैं
    5. उत्पादन की संख्या में अस्थिरता: जैविक खेती में मौसमी परिवर्तनों का असर अधिक होता है, जिसके कारण उत्पादन की संख्या में अस्थिरता हो सकती है। यह उत्पादकता की पूर्णता पर असर डाल सकता है और किसानों की आय पर अस्थिरता का कारण बन सकता है।

जैविक खेती के नुकसानों के साथ-साथ इसके लाभों को भी ध्यान में रखना आवश्यक है। इसलिए, उचित प्रबंधन, विज्ञान, और गहरी जानकारी के साथ जैविक खेती का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है।

रासायनिक खेती chemical farming के लाभ

रासायनिक खेती के भी कुछ लाभ हैं, जो इसकी प्रभावशीलता को दिखाते हैं। यहाँ कुछ मुख्य लाभ हैं:

    1. उच्च उत्पादनता: रासायनिक खेती में उपयोग होने वाली उर्वरक, कीटनाशकों और हर्बिसाइड्स की वजह से फसलों की उच्च उत्पादनता होती है।
    2. संकटों का सामना: रासायनिक खेती के लिए उपयोग होने वाले कीटनाशक और फसलों के रोगनाशक प्रभावी होते हैं, जो कीटों, कीटाणुओं और रोगों से लड़ने में मदद करते हैं।
    3. आर्थिक प्रोफ़ाइल: रासायनिक खेती में उच्च उत्पादनता के कारण, किसानों की आर्थिक प्रोफ़ाइल मजबूत होती है। इससे उनकी आर्थिक सुरक्षा में सुधार होता है।

रासायनिक खेती chemical farming के नुकसान

रासायनिक खेती के उपयोग के कई नुकसान हैं, जो निम्नलिखित हैं:

    1. प्रदूषण: रासायनिक खेती में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और खाद्यांकन तत्व प्रदूषण का मुख्य कारक बन सकते हैं। इन रसायनिक पदार्थों के संक्रमण से प्राकृतिक संतुलन और जैव विविधता पर असर पड़ सकता है।
    2. स्वास्थ्यप्रभाव: रासायनिक खेती में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और उर्वरकों का नियमित संपर्क किसानों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। इनका लंबे समय तक संपर्क करने के कारण सामान्य स्वास्थ्य समस्याएं, श्वसन संबंधी विकार, और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं।
    3. मिट्टी की गुणवत्ता: रासायनिक खेती में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और उर्वरकों के बारे में उच्च मात्रा में उपयोग करने से मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। मिट्टी का स्वास्थ्य और पोषक तत्वों की संतुलन की भंग के कारण, उत्पादकता और वानस्पतिक विविधता पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।
    4. पेयजल का प्रदूषण: रासायनिक खेती में उपयोग किए जाने वाले रसायनिक तत्व पेयजल में प्रवेश कर सकते हैं और उसे प्रदूषित कर सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप, पेयजल की गुणवत्ता में कमी हो सकती है और जनसाधारण के स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है।
    5. जैव विविधता का हानि: रासायनिक खेती में उपयोग किए जाने वाले कीटनाशक और उर्वरकों का प्रयोग जीव-समुदायों और जैव विविधता पर हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। पौधों, पशुओं, पक्षियों, मछलियों और अन्य प्राणियों के लिए यह खतरनाक हो सकता है और प्राकृतिक संतुलन को खतरे में डाल सकता है।

रासायनिक खेती के नुकसानों को ध्यान में रखते हुए संबलित खेती प्रणालियों और पर्यावरण के प्रति सतर्क बनना आवश्यक है। इसके लिए नवीनतम विज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी उन्नति और किसानों के सहयोग की आवश्यकता होती है।

जैविक खेती या रासायनिक खेती: पैसा किसमें ज़्यादा है?

जैविक खेती और रासायनिक खेती (farming) दोनों ही अपने लाभों और विधानों के कारण महत्वपूर्ण हैं। हालांकि, इन दोनों में कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं:

    1. स्वास्थ्य: जैविक खेती स्वास्थ्यप्रद खाद्य उत्पादों की उत्पत्ति करती है जबकि रासायनिक खेती (farming) में केमिकल उपयोग के कारण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाने का खतरा होता है।
    2. पर्यावरण: जैविक खेती पर्यावरण के साथ संगत होती है, क्योंकि इसमें केमिकल और जल संकटों का उपयोग नहीं होता है। यह स्थायी जल संसाधन और जैविक संतुलन को सुरक्षित रखती है। वहीं, रासायनिक खेती पर्यावरण को प्रदूषित करने और जल संकटों को बढ़ाने का खतरा बढ़ाती है।
    3. गुणवत्ता: जैविक खेती से प्राप्त उत्पादों की गुणवत्ता अधिक होती है क्योंकि वे प्राकृतिक और पोषणशील होते हैं। इसके विरुद्ध, रासायनिक खेती से प्राप्त उत्पादों की गुणवत्ता कम होती है क्योंकि वे केमिकलों से प्रभावित होते हैं।
    4. सामुदायिक लाभ: जैविक खेती सामुदायिक अर्थव्यवस्था को समर्थन करती है। इसमें किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारती है और सामुदायिक संघों की ताकत को मजबूती मिलती है। रासायनिक खेती के साथ यह सामुदायिक लाभ प्राप्त करना मुश्किल होता है।

आधार पर, जैविक खेती रासायनिक खेती से बेहतर मानी जा सकती है। इससे स्वास्थ्य, पर्यावरण, गुणवत्ता और सामुदायिक लाभ की दृष्टि से लाभ होता है। हालांकि, हर स्थिति में यह जरूरी है कि किसानों को योग्य तकनीकी सहायता, विशेषज्ञ ज्ञान और वित्तीय संसाधन मिलें ताकि वे जैविक खेती को सफलतापूर्वक अमल में ला सकें।

जैविक खेती या रासायनिक खेती: पैसा किसमें ज़्यादा है?

खेती(farming) व्यवसाय में पैसा किसमें ज़्यादा होता है, इसका विषय विवादास्पद है। यह निर्भर करता है कि किसान किस प्रकार की खेती(farming) कर रहा है और उसके लिए कौन सा बाजार अधिक लाभदायक है। हालांकि, निम्नलिखित तत्वों का ध्यान रखना महत्वपूर्ण है:

    1. विपणन मूल्य: जैविक उत्पादों की विपणन मूल्य आमतौर पर रासायनिक उत्पादों के मुकाबले अधिक होता है। इसका कारण है कि जैविक उत्पादों की मांग वाधित हो रही है और उन्हें उच्च मूल्य दिया जा रहा है।
    2. उत्पादन की खर्च: जैविक खेती में उत्पादन की खर्च कुछ हद तक अधिक हो सकती है। जैविक खाद्यांकन और कीटनाशकों की कीमत रासायनिक उत्पादों की तुलना में अधिक होती है।
    3. बाजार की मांग: बाजार की मांग भी निर्धारित कर सकती है कि जैविक उत्पादों या रासायनिक उत्पादों में से कौन सा ज़्यादा लाभदायक है। यदि जैविक उत्पादों की मांग अधिक होती है, तो वे उच्च मूल्य पर बेचे जा सकते हैं।
    4. सरकारी योजनाएं: कई सरकारी योजनाएं और अनुदान जैविक खेती को बढ़ावा देती हैं। इसके द्वारा किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त हो सकती है और इससे जैविक खेती अर्थात उच्च मार्जिन प्रदायी हो सकती है।

यदि सभी तत्वों को ध्यान में रखा जाए, तो जैविक खेती किसानों को आर्थिक रूप से अधिक लाभदायक हो सकती है। इसके अलावा, जैविक खेती पर्यावरण के साथ दोस्ताना रहती है और सामाजिक मान्यता भी प्राप्त करती है। हालांकि, रासायनिक खेती में भी बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जा सकता है और व्यापारिक मुनाफे कमाए जा सकते हैं।

अंततः, पैसा किसमें ज़्यादा होता है, यह किसान की स्थिति, विपणन की मांग, बाजार और सरकारी नीतियों पर निर्भर करेगा। किसान को अपनी वाणिज्यिक आवश्यकताओं, पसंदों और प्राथमिकताओं के आधार पर सही खेती विकल्प का चयन करना चाहिए।

ध्यान दें: खेती(farming) के विभिन्न पहलुओं में अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, सलाह दी जाती है कि व्यक्तिगत स्थितियों, ज़मीन की उपजाऊता, मौसम और बाजार की मांग का विश्लेषण किया जाए।

समापन

जैविक खेती और रासायनिक खेती, दोनों ही विधियाँ खेती की सामर्थ्य और प्रभावशीलता को प्रदर्शित करती हैं। हालांकि, दोनों के बीच में अंतर हैं, जहां जैविक खेती स्वास्थ्य, पर्यावरण, गुणवत्ता और सामुदायिक लाभ को बढ़ावा देती है वहीं रासायनिक खेती उच्च उत्पादनता और आर्थिक प्रोफ़ाइल में विशेष लाभ प्रदान करती है। इसलिए, एक व्यक्ति को खेती में बेहतर विधि का चयन करने से पहले उनकी आवश्यकताओं, संसाधनों, उद्देश्यों, और मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के संरक्षण की महत्वपूर्णता को ध्यान में रखना चाहिए।

केंद्र सरकार द्वारा सहायता दी जाती है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. क्या जैविक खेती स्वास्थ्य के लिए बेहतर है?

हाँ, जैविक खेती स्वास्थ्यप्रद होती है क्योंकि इसमें केमिकल उपयोग नहीं होता है और उत्पादों में पोषण अधिक होता है।

2. क्या रासायनिक खेती chemical farming उच्च उत्पादनता के लिए बेहतर है?

हाँ, रासायनिक खेती में उपयोग हो

ने वाले केमिकलों के कारण उत्पादनता अधिक होती है।

3. क्या जैविक खेती पर्यावरण के लिए अधिक संरक्षक है?

हाँ, जैविक खेती पर्यावरण के साथ संगत होती है क्योंकि इसमें केमिकल और जल संकटों का उपयोग नहीं होता है।

4. क्या जैविक खेती किसानों की आर्थिक प्रोफ़ाइल मजबूत करती है?

हाँ, जैविक खेती के कारण किसानों की आर्थिक प्रोफ़ाइल मजबूत होती है क्योंकि इसमें उत्पादनता अधिक होती है और कम खर्च होता है।

5. क्या जैविक खेती सामुदायिक लाभ प्रदान करती है?

हाँ, जैविक खेती सामुदायिक अर्थव्यवस्था को समर्थन करती है क्योंकि इसमें किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारती है और सामुदायिक संघों की ताकत को मजबूती मिलती है।

6. रासायनिक खेती क्या है और इसका मतलब क्या है?

रासायनिक खेती एक प्रौद्योगिकी है जिसमें खेती में रसायनिक उत्पादों का उपयोग किया जाता है। इसका मतलब है कि खेती में उपयोग होने वाले कीटनाशक, उर्वरक और रसायनिक पदार्थों को प्रयोग करके उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास किया जाता है।

7. रासायनिक खेती में कौन-कौन से उत्पादों का उपयोग होता है?

रासायनिक खेती में निम्नलिखित उत्पादों का उपयोग होता है:

    • कीटनाशक: जैसे कि पेस्टिसाइड्स और हर्बीसाइड्स।
    • उर्वरक: जैसे कि नाइट्रोजन, पोटैशियम और फॉस्फोरस।
    • रसायनिक पदार्थ: जैसे कि उर्वरकों और कीटनाशकों के रूप में उपयोग होने वाले पदार्थ।

8. क्या रासायनिक खेती में कीटनाशकों का प्रयोग होता है? इसके क्या प्रभाव होते हैं?

हाँ, रासायनिक खेती में कीटनाशकों का प्रयोग होता है। ये केवल नुकसानी करने वाले कीटों को नष्ट करने का काम करते हैं। इसके प्रभाव से फसलों को कीट और रोगों से बचाया जा सकता है।

9. रासायनिक खेती में उपयोग होने वाले कीटनाशकों और उर्वरकों के प्रकार क्या हैं?

रासायनिक खेती में निम्नलिखित प्रकार के कीटनाशक और उर्वरकों का उपयोग होता है:

    • कीटनाशक: पेस्टिसाइड्स, इन्सेक्टिसाइड्स, मिटीसाइड्स और फंगिसाइड्स।
    • उर्वरक: नाइट्रोजन, पोटैशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, जिंक, आदि।

10.क्या रासायनिक खेती प्रदूषण का कारण बनती है? इसके नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताएं।

हाँ, रासायनिक खेती प्रदूषण का कारण बनती है। इसके नकारात्मक प्रभावों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:

    • जल प्रदूषण: रासायनिक उत्पादों का उपयोग करने से निकलने वाले विषाक्त पदार्थों के कारण जलमार्ग का प्रदूषण हो सकता है।
    • वायु प्रदूषण: रसायनिक खेती में उपयोग होने वाले कीटनाशकों का वायुमार्ग से प्रसार होने के कारण वायु प्रदूषण हो सकता है।
    • मिट्टी प्रदूषण: रासायनिक खादों का अधिक मात्रा में उपयोग करने से मिट्टी प्रदूषित हो सकती है, जो फसलों की गुणवत्ता को कम कर सकता है।

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