Prithvi Vigyan Yojana 2024

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Prithvi Vigyan Yojana 2024 | पृथ्वी विज्ञान योजना को मिली मंजूरी, पीएम मोदी ने दिया 4797 करोड़ रुपए बजट

Prithvi Vigyan Yojana:- बाढ़, भूकंप, सुनामी, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं की सही भविष्यवाणी करने और समुद्री व ध्रुवीय संसाधनों की खोज के लिए आने वाले वर्षों में देश में व्यापक अध्ययन में प्रणाली विकसित की जाएगी। जिसके लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की तरफ से पृथ्वी विज्ञान योजना को मंजूरी दे दी गई है।

इस योजना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में 4797 करोड़ की इस योजना पर मोहर लगा दी गई है।

यह पहला एडवांस पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है जिसमें जलवायु, अनुसंधान, ध्रुवीय विज्ञान, महासागर सेवाएं, भूकंप विज्ञान और बहुत कुछ जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र शामिल है। यह योजना प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और प्रबंधन में भारत की क्षमताओं को मजबूत करेगी जिससे जीवन और संपत्ति की सुरक्षा होगी।

पृथ्वी विज्ञान योजना को शुरू करने का उद्देश्य क्या है? और इस योजना के अहम पहलू कौन-कौन से हैं? इन सभी से जुड़ी जानकारी के लिए आपको यह आर्टिकल विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़ना होगा।

Prithvi Vigyan Yojana क्या है?

यह प्रणाली पृथ्वी प्रक्रियाओं और परिवर्तनों के महत्वपूर्ण संकेतकों का दस्तावेजीकरण करके प्राकृतिक आपदाओं की भविष्यवाणी और शमन को समझने के लिए मॉडलिंग सिस्टम विकसित करेगी। पृथ्वी विज्ञान ढांचे के तहत, संस्थानों में एकीकृत बहु-विषयक पृथ्वी विज्ञान अनुसंधान और नवीन नीति अध्ययन की क्षमताएं स्थापित की जाएंगी।

इस योजना को सरकार ने 4797 करोड़ रुपये की लागत से 5 साल के लिए मंजूरी दी है. यह कार्यक्रम मौसम और जलवायु, महासागर, क्रायोस्फीयर, भूकंप विज्ञान और उद्योग से संबंधित प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने के लिए एकीकृत अनुसंधान और विकास की दिशा में काम करेगा और जैविक और अजैविक संसाधनों की खोज को एक स्थायी भूमिका प्रदान करेगा।

पृथ्वी विज्ञान योजना को लागू करने का उद्देश्य क्या है?

Prithvi Vigyan Yojana के उद्देश्यों में पृथ्वी प्रणालियों परिवर्तन का महत्वपूर्ण संकेतो को रिकॉर्ड करने के लिए वायुमंडल, महासागर, भूमंडल और ठोस पृथ्वी के दीर्घकालिक अवलोकनों को बढ़ाना और बनाए रखना।

साथ ही मौसम को समझने और भविष्यवाणी करने के लिए मॉडलिंग सिस्टम का विकास शामिल है। इसके अलावा नई घटनाओं और संसाधनों की खोज करने की दिशा में पृथ्वी के ध्रुवीय और उच्च समुद्री क्षेत्र की खोज की जाएगी।

साथ ही सामाजिक अनुप्रयोगों के लिए समुद्री संसाधनों की खोज हेतु टेक्नोलॉजी का विकास और संसाधनों का सतत उपयोग शामिल है। पृथ्वी प्रणाली विज्ञान से प्राप्त ज्ञान और अंतर्दृष्टि को सामाजिक, पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ के लिए सेवाओं के रूप में इस योजना के तहत परिणत किया जाएगा।

Prithvi Vigyan Scheme के अहम पहलू

पृथ्वी विज्ञान योजना में देश के लिए विश्वसनीय सेवाएं प्रदान करने और पृथ्वी प्रणाली विज्ञान की समझ में सुधार लाने हेतु प्राथमिक प्रणाली के सभी पांच घटकों को समग्र रूप में शामिल किया जाएगा। इस योजना के विभिन्न घटक एक दूसरे पर निर्भर है। पृथ्वी विज्ञान योजना के यह पांच अहम पहलू है जोकि निम्नलिखित है।

  1. पोलर साइंस एंड क्रायोस्फीयर रिसर्च (PACER)
  2. सीस्मोलॉजी और जियोसाइंस (SAGE)
  3. रिसर्च, एजुकेशन, ट्रेंनिंग एंड आउटरिच (REACHOUT)
  4. एटमॉस्फेयर एंड क्लाइमेट रिसर्च मॉडलिंग ऑबजर्विंग सिस्टम (ACROSS)
  5. ओशियन सर्विसेज, मॉडलिंग एप्लीकेशन, रिसोर्स एंड टेक्नोलॉजी (O-SMART)

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को दिए गए निर्देश

इस योजना के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय को निर्देश दिए गए हैं जो समाज के लिए मौसम जलवायु महासागर और तटीय राज्य, जल विज्ञान, भूकंप विज्ञान और प्रगति खतरों संबंधित विज्ञान से सेवा प्रदान करना है।

इसके अलावा पृथ्वी के तीन ध्रुवों(अंटार्कटिका, आर्कटिक और हिमालय) की खोज करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मंत्रालय को प्रदान की गई विभिन्न एजेंसियों और राज्य सरकार द्वारा द्वारा प्राकृतिक आपदाओं से लोगों को बचाने और संपत्तियों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए और प्रभावित तरीकों का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्रालय की मदद करने वाले संस्थान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की मदद करने वाले 10 संस्थान के नाम नीचे दिए गए हैं। जोकि कुछ इस प्रकार है।

  1. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD)
  2. राष्ट्रीय तटीय  अनुसंधान केंद्र (NCCR)
  3. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS)
  4. राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT)
  5. राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान अध्ययन केंद्र (NCESS)
  6. राष्ट्रीय ध्रुव और महासागर अनुसंधान केंद्र (NCPOR)
  7. भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र  (INCOIS)
  8. राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्व अनुमान केंद्र (NCMRWF)
  9. समुद्री जीवन संसाधन और परिस्थिति की केंद्र (CMLRE)
  10. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM)

Prithvi Vigyan Yojana FAQs

पृथ्वी विज्ञान योजना क्या है?

पृथ्वी विज्ञान योजना के माध्यम से मौसम को समझने और चुनौतियों का समाधान करने के लिए जीवित और निर्जीवित संसाधनों का पता लगाया जाएगा। और देश को सभी प्रकार की आपदाओं से पहले चेतावनी देनी होगी। 

Prithvi Vigyan Yojana के लिए कितने रुपए का बजट को मंजूरी दी गई है?

Prithvi Vigyan Yojana के लिए 4,797 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी गई है।

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