Kisan Andolan: किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैयार है. शंभू बॉर्डर पर सीमेंट के गार्डर और कंटीले तार लगाकर 7 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. इसके चलते पुलिस ने उन्हें 8 दिनों से यहीं रोक रखा है. लेकिन किसान हरियाणा पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए जेसीबी और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी भारी मशीनें लेकर आए हैं.
नई दिल्ली: पंजाब के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के रूप में गारंटी की मांग को लेकर पंजाब-हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान (Kisan Andolan) नेताओं और सरकार के बीच चौथे दौर की बातचीत भी विफल होने के बाद अब किसानों ने दिल्ली कूच करने का फैसला किया है.
बुधवार (21 फरवरी) को सुबह 11 बजे किसान दिल्ली के लिए रवाना (Kisan Delhi Mar) होंगे. इसके लिए सुबह छह बजे से ही ट्रैक्टरों की कतार लग जायेगी. शंभू के साथ खनौरी बॉर्डर इलाके के किसान भी हरियाणा से दिल्ली कूच करेंगे. किसानों ने हरियाणा सीमा पार करने की भी योजना बनाई है.
दरअसल, किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स भी तैयार है. शंभू बॉर्डर पर सीमेंट के गार्डर और कंटीले तार लगाकर 7 लेयर की बैरिकेडिंग की गई है. इसके चलते पुलिस ने उन्हें 8 दिनों से यहीं रोक रखा है. लेकिन किसान हरियाणा पुलिस के बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए जेसीबी और हाइड्रोलिक क्रेन जैसी भारी मशीनें लेकर आए हैं.
इसके अलावा बुलेटप्रूफ पोकलेन डिवाइस भी लाए गए हैं. इन्हें इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इन पर आंसू गैस का भी असर नहीं होता है. केंद्र के साथ बैठक के बाद किसानों ने दिल्ली में धरना देने का फैसला किया.
केंद्र सरकार ने 5 फसलों पर एमएसपी का प्रस्ताव दिया था. कपास, मक्का, मसूर, अरहर और उड़द। किसानों ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। किसान सभी फसलों पर एमएसपी की गारंटी की मांग कर रहे हैं.
रविवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच चौथे दौर की बातचीत हुई. बैठक में कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय मौजूद रहे. इससे पहले केंद्र और किसानों के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को भी बातचीत हुई थी. अब तक की बैठकें बेनतीजा रही हैं.
हरियाणा में इंटरनेट पर पाबंदी(Kisan Andolan News Today)
Kisan Andolan के चलते हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बैन का फैसला 21 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. पंजाब के 7 जिलों के कुछ हिस्सों में केंद्र सरकार ने 24 फरवरी तक इंटरनेट बंद कर दिया है. ये वही जगहें हैं जहां से किसान दिल्ली आ रहे थे।
गाजीपुर बॉर्डर को किया सील, दिल्ली में धारा 144 लागू
(Kisan Andolan News Today)
किसानों के कूच को लेकर दिल्ली पुलिस भी अलर्ट पर है. दिल्ली के हरियाणा से सटे सिंघु और टिकरी और उत्तर प्रदेश से सटे गाजीपुर बॉर्डर को सील किया गया है. पूरी दिल्ली में धारा 144 लगा दी गई है. भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगाई जा चुकी है.
हरियाणा DGP ने लिखी चिट्ठी
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इस बीच, हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी को पत्रकारों और उनके वाहनों को सीमा से 1 किमी पहले रोकने के लिए पत्र लिखा है। इसके बाद पंजाब के डीजीपी ने सभी पुलिस बलों को निर्देश दिया है कि पोकलेन और जेसीबी मशीनों के इस्तेमाल से सीमा पर कानून-व्यवस्था की स्थिति और खराब हो सकती है.
ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों की जान को भी खतरा हो सकता है. पंजाब पुलिस ने बनूर से शंभू बॉर्डर तक का रास्ता बंद कर दिया है. भारी ट्रकों को सड़क पर खड़ा करने के साथ ही दंगारोधी पुलिस भी तैनात की गई है.
वहीं, हरियाणा पुलिस के डीजी ने कहा, ''अगर किसान जबरन बाधाएं हटाने पर उतर आए तो पुलिस के पास कानूनी कार्रवाई करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. इससे चोट लगने का खतरा हो सकता है.'' उन्होंने कहा, "हम अनुरोध करते हैं कि महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को संघर्ष क्षेत्रों से सुरक्षित दूरी पर रखा जाना चाहिए।"
पंजाब के किसान सहयोग मांगेंगे तो हम तैयार- खाप पंचायतें
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हरियाणा के जींद में मंगलवार को जिले की खापों, किसान संगठनों की महापंचायत हुई. इसमें जिले से 12 खापें और 11 किसान संगठनों और अन्य संगठनों के नेता पहुंचे.
इसमें शामिल नेताओं ने कहा कि पंजाब के किसानों को पंजाब-हरियाणा के बॉर्डर पर बड़ी दीवार बना कर दिल्ली जाने से रोका जा रहा है, जो पूरी तरह से गलत है. ये आंदोलन एक या 2 राज्यों के किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों के लिए है. खापों के प्रतिनिधियों ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा जब भी किसी तरह का सहयोग खापों से मांगेगा, तो खाप हर कदम पर साथ देंगी.
हाईकोर्ट ने खारिज की जनहित याचिका
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पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने किसान समूह के पक्ष में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि आवेदक किसानों का प्रतिनिधि नहीं था, इसलिए याचिका खारिज कर दी गई। किसानों और केंद्र के बीच बातचीत की रिपोर्ट अगले हफ्ते पेश करने की तैयारी है.
किसानों की क्या हैं प्रमुख मांगें?
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-किसानों की मांग है कि सरकार MSP पर खरीद की गारंटी का कानून बनाए.
- मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम मिले. इसके लिए 700 रुपये की दिहाड़ी तय हो.
- डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से MSP की कीमत तय हो.
-किसान और खेतिहर मजदूरों का कर्जा माफ हो, उन्हें पेंशन दिया जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए.
-लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा मिले.
-मुक्त व्यापार समझौते पर रोक लगाई जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए.
-किसान आंदोलन में मृतक किसानों के परिवारों को मुआवजा मिले और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिले.
-नकली बीज, कीटनाशक, दवाइयां और खाद वाली कंपनियों पर सख्त कानून बनाया जाए.
-मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए.
-संविधान की सूची 5 को अलग कर आदिवासियों की जमीन की लूट बंद की जाए.
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